प्रसेनजित्: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) तेरहवें मनु (कुलकर) । इनकी पर्व प्रमित आयु थी और शरीर की ऊँचाई पाँच सौ धनुष की थी । जरायुपटल में दूर करने की विधि इन्होंने लोगों को | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) तेरहवें मनु (कुलकर) । इनकी पर्व प्रमित आयु थी और शरीर की ऊँचाई पाँच सौ धनुष की थी । जरायुपटल में दूर करने की विधि इन्होंने लोगों को बतायी थी ये अपने पिता मरुदेव के अकेले पुत्र थे । मरुदेव के पहले युगल संतान हुई थी । उस समय लाशों को पसीना आने लगा था । इनका विवाह विवाह-विधि से संपन्न हुआ । अंतिम कुलकर नाभिराय इन्हीं के पुत्र थे । <span class="GRef"> महापुराण 3.146-151, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 3.87, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.165-170, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 2.103-106 </span></p> | ||
<p id="2">(2) कृष्ण का सोलहवाँ पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.69-72 </span></p> | <p id="2">(2) कृष्ण का सोलहवाँ पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.69-72 </span></p> | ||
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(1) तेरहवें मनु (कुलकर) । इनकी पर्व प्रमित आयु थी और शरीर की ऊँचाई पाँच सौ धनुष की थी । जरायुपटल में दूर करने की विधि इन्होंने लोगों को बतायी थी ये अपने पिता मरुदेव के अकेले पुत्र थे । मरुदेव के पहले युगल संतान हुई थी । उस समय लाशों को पसीना आने लगा था । इनका विवाह विवाह-विधि से संपन्न हुआ । अंतिम कुलकर नाभिराय इन्हीं के पुत्र थे । महापुराण 3.146-151, पद्मपुराण 3.87, हरिवंशपुराण 7.165-170, पांडवपुराण 2.103-106
(2) कृष्ण का सोलहवाँ पुत्र । हरिवंशपुराण 48.69-72