स्थापित: Difference between revisions
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<li>आहार | <li><p><span class="PrakritText"><span class="GRef">मूलाचार / आचारवृत्ति / गाथा 427,444 </span>- उद्गम दोष : पागादु भायणाओ अण्णाह्मि य भायणह्मिपक्कविय। सघरे वा परघरे वा णिहिदं ठविदं वियाणाहि ॥430॥<ol class="HindiText">आहार के छियालीस दोषों में एक स्थापित दोष - जिस बासन में पकाया था उससे दूसरे भाजन में पके भोजन को रखकर अपने घर में तथा दूसरे के घर में जाकर उस अन्न को रख दे उसे स्थापित दोष जानना ॥430॥ -देखें [[ आहार#II.4.4 | आहार - II.4.4]]। </li> | ||
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Revision as of 14:50, 2 December 2022
मूलाचार / आचारवृत्ति / गाथा 427,444 - उद्गम दोष : पागादु भायणाओ अण्णाह्मि य भायणह्मिपक्कविय। सघरे वा परघरे वा णिहिदं ठविदं वियाणाहि ॥430॥
- आहार के छियालीस दोषों में एक स्थापित दोष - जिस बासन में पकाया था उससे दूसरे भाजन में पके भोजन को रखकर अपने घर में तथा दूसरे के घर में जाकर उस अन्न को रख दे उसे स्थापित दोष जानना ॥430॥ -देखें आहार - II.4.4।
- वसतिका का एक दोष-देखें वसतिका ।