महीपद्म: Difference between revisions
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Revision as of 18:46, 7 December 2022
पुष्करार्ध द्वीप के पूर्वविदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का नृप । इसने मुनि भूतहित से उपदेश सुनकर पुत्र धनद को राज्य सौंपा और अनेक राजाओं के साथ दीक्षा ले ली थी अंत में यह तीर्थंकर प्रकृति का बंध कर प्राणत स्वर्ग का इंद्र हुआ । महापुराण 55.2-3, 13-14, 18-19, 22