अकलंक त्रैविद्य देव: Difference between revisions
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<p><big><span class="GRef">( धवला पुस्तक 2/ | <p><big><span class="GRef">( धवला पुस्तक 2/प्रस्तावना 4/ H.L.Jain) </span> नंदिसंघ के देशिय गण की गुर्वावली के अनुसार यह गंडविमुक्तदेव के शिष्य थे। त्रैविद्यदेव आपकी उपाधि थी। <br> | ||
समय - वि. 1225-1239 (ई.1158-1182) आता है। विशेष - देखें [[ इतिहास#7.5 | इतिहास - 7.5]]।</big><big></big></p> | समय - वि. 1225-1239 (ई.1158-1182) आता है। विशेष - देखें [[ इतिहास#7.5 | इतिहास - 7.5]]।</big><big></big></p> | ||
Latest revision as of 10:48, 8 December 2022
( धवला पुस्तक 2/प्रस्तावना 4/ H.L.Jain) नंदिसंघ के देशिय गण की गुर्वावली के अनुसार यह गंडविमुक्तदेव के शिष्य थे। त्रैविद्यदेव आपकी उपाधि थी।
समय - वि. 1225-1239 (ई.1158-1182) आता है। विशेष - देखें इतिहास - 7.5।