अनादृत: Difference between revisions
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<p class="HindiText">कायोत्सर्ग | <span class="GRef"> अनगारधर्मामृत/8/98 </span><span class="SanskritGatha">अनादृतमतात्पर्यं वंदनायां मदोद्धृतिः। स्तब्धमत्यासन्नभावः प्रविष्टं परमेष्ठिनाम्।98। </span>= | ||
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<span class="HindiText"> (वंदना के बत्तीस दोषों में से एक दोष) वंदना में तत्परता या आदर का अभाव </b>अनादृत</b> दोष है, ...</span> | |||
<p class="HindiText">कायोत्सर्ग और वंदना के अतिचारों के लिये देखें [[ व्युत्सर्ग ]]।</p> | |||
Revision as of 13:37, 16 December 2022
अनगारधर्मामृत/8/98 अनादृतमतात्पर्यं वंदनायां मदोद्धृतिः। स्तब्धमत्यासन्नभावः प्रविष्टं परमेष्ठिनाम्।98। =
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(वंदना के बत्तीस दोषों में से एक दोष) वंदना में तत्परता या आदर का अभाव अनादृत दोष है, ...
कायोत्सर्ग और वंदना के अतिचारों के लिये देखें व्युत्सर्ग ।