अप्रतिकर्म: Difference between revisions
From जैनकोष
Shilpa jain (talk | contribs) No edit summary |
Poonam Jain (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="SanskritText">प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 205 परमोपेक्षासंयमबलेन देहप्रतिकाररहितत्वादिप्रतिकर्म भवति।</p> | <p class="SanskritText">प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 205 परमोपेक्षासंयमबलेन देहप्रतिकाररहितत्वादिप्रतिकर्म भवति।</p> | ||
<p class="HindiText">= परमोपेक्षा | <p class="HindiText">= परमोपेक्षा संयम के बल से देह के प्रतिकार रहित होने से अप्रतिकर्म होता है।</p> | ||
Revision as of 18:57, 17 December 2022
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 205 परमोपेक्षासंयमबलेन देहप्रतिकाररहितत्वादिप्रतिकर्म भवति।
= परमोपेक्षा संयम के बल से देह के प्रतिकार रहित होने से अप्रतिकर्म होता है।