लव: Difference between revisions
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<li> <span class="GRef"> पद्मपुराण/ </span>सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुंडरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचंद्र के पुत्र थे (100/17-18)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (100/47)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (102/45)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अंत में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (103/41, 47)। अंत में मोक्ष प्राप्त किया (123/82)।</li> | <li> <span class="GRef"> पद्मपुराण/ </span>सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुंडरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचंद्र के पुत्र थे (100/17-18)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (100/47)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (102/45)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अंत में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (103/41, 47)। अंत में मोक्ष प्राप्त किया (123/82)।</li> | ||
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Revision as of 21:39, 18 December 2022
सिद्धांतकोष से
- 7 स्तोक = 37 31/77 सैकेंड = 1 लव काल का एक प्रमाण विशेष - काल सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए देखें गणित - I.1.4।
- पद्मपुराण/ सर्ग/ श्लोक ‘‘परित्यक्त सीता के गर्भ से पुंडरीक के राजा वज्रजंघ के घर उत्पन्न रामचंद्र के पुत्र थे (100/17-18)। सिद्धार्थ नामक क्षुल्लक से विद्या प्राप्त की (100/47)। नारद के द्वारा राम की प्रशंसा तथा किसी सीता नामक स्त्री के साथ उनका अन्याय सुनकर राम से युद्ध किया (102/45)। राम-लक्ष्मण को युद्ध में हार जाना। अंत में पिता पुत्र का मिलाप हो गया। (103/41, 47)। अंत में मोक्ष प्राप्त किया (123/82)।
पुराणकोष से
सात स्तोक प्रमित काल । हरिवंशपुराण 7.20, देखें काल