असंभव: Difference between revisions
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Revision as of 16:35, 23 December 2022
1. लक्षण का एक दोष
मोक्ष पंचाशत/17 लक्ष्ये त्वनुपपन्नत्वमसंभव इतीरितः। यथा वर्णादियुक्तत्वमसिद्धं सर्वथात्मनि। =लक्ष्य में उत्पन्न न होना सो असंभव दोष का लक्षण है, जैसे आत्मा में वर्णादि की युक्ति असिद्ध है।
अधिक जानकारी हेतु देखें लक्षण
2. आकाशपुष्प आदि असंभव वस्तुएँ, इसका विषय हैं। अधिक जानकारी हेतु देखें असत् ।