अपरसंग्रह: Difference between revisions
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<span class="GRef">श्लोकवार्तिक/4/1/33/ श्लोक 51,55/240</span><p class="HindiText"> दो प्रकार के संग्रह नय के लक्षण किये हैं‒पर संग्रह और '''अपर संग्रह।''' (<span class="GRef"> स्याद्वादमंजरी/28/317/7</span> )।</p> | |||
<p class="HindiText"> आगम के 7 नयों में संग्रह नय का एक भेद-देखें [[ नय#III.4 | नय - III.4]]।</p> | |||
Revision as of 09:33, 24 December 2022
श्लोकवार्तिक/4/1/33/ श्लोक 51,55/240
दो प्रकार के संग्रह नय के लक्षण किये हैं‒पर संग्रह और अपर संग्रह। ( स्याद्वादमंजरी/28/317/7 )।
आगम के 7 नयों में संग्रह नय का एक भेद-देखें नय - III.4।