अब्रह्म: Difference between revisions
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<p class="HindiText">= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।</p> | <p class="HindiText">= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।</p> | ||
Revision as of 13:03, 25 December 2022
सिद्धांतकोष से
तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 7/16
मैथुनब्रह्म।
= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।
पुराणकोष से
ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । हरिवंशपुराण 58.132