अरनाथ: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText" | <p class="HindiText">1. (<span class="GRef"> महापुराण सर्ग संख्या 65/श्लोक नं.</span>) पूर्व के तीसरे भव में कच्छदेश की क्षेमपुरी नगरी के राजा `धनपति' थे। <br> | ||
2. पूर्व के भव में जयंत विमान में अहमिंद्र हुए। 8-1। वर्तमान भव में 18वें तीर्थंकर हुए। (विशेष देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]) (युगपत् सर्व भव देखें [[ ]]<span class="GRef"> महापुराण/65/50 </span>) <br> | 2. पूर्व के भव में जयंत विमान में अहमिंद्र हुए। 8-1। वर्तमान भव में 18वें तीर्थंकर हुए। (विशेष देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]) (युगपत् सर्व भव देखें [[ ]]<span class="GRef"> महापुराण/65/50 </span>) <br> | ||
3. भावी बारह वें तीर्थंकर का भी यही नाम है। अपर नाम पूर्वबुद्धि है। (विशेष देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]]) | 3. भावी बारह वें तीर्थंकर का भी यही नाम है। अपर नाम पूर्वबुद्धि है। (विशेष देखें [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर - 5]])</p> | ||
Revision as of 10:41, 27 December 2022
1. ( महापुराण सर्ग संख्या 65/श्लोक नं.) पूर्व के तीसरे भव में कच्छदेश की क्षेमपुरी नगरी के राजा `धनपति' थे।
2. पूर्व के भव में जयंत विमान में अहमिंद्र हुए। 8-1। वर्तमान भव में 18वें तीर्थंकर हुए। (विशेष देखें तीर्थंकर - 5) (युगपत् सर्व भव देखें [[ ]] महापुराण/65/50 )
3. भावी बारह वें तीर्थंकर का भी यही नाम है। अपर नाम पूर्वबुद्धि है। (विशेष देखें तीर्थंकर - 5)