असंदिग्ध: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 9/5/5/594/18</span> <p class="SanskritText">स्फुटार्थं व्यक्ताक्षरं चासंदिग्धम्।</p> | |||
<p class="HindiText">= जामें अर्थ स्पष्ट होय और अक्षर व्यक्त होय सो असंदिग्ध कहिये। </p> | <p class="HindiText">= जामें अर्थ स्पष्ट होय और अक्षर व्यक्त होय सो असंदिग्ध कहिये। </p> | ||
<p>( चारित्रसार पृष्ठ 67/1)</p> | <p>( <span class="GRef">चारित्रसार पृष्ठ 67/1</span>)</p> | ||
Revision as of 14:33, 29 December 2022
राजवार्तिक अध्याय 9/5/5/594/18
स्फुटार्थं व्यक्ताक्षरं चासंदिग्धम्।
= जामें अर्थ स्पष्ट होय और अक्षर व्यक्त होय सो असंदिग्ध कहिये।
( चारित्रसार पृष्ठ 67/1)