मिथ्यादर्शन: Difference between revisions
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Revision as of 18:59, 5 January 2023
संसार भ्रमण का कारण । इससे युक्त जीव तिर्यंच और नरकगति के दुःखों को भोगते हैं । पद्मपुराण 2. 197, 6. 280 देखें मिथ्यात्व