वाद्यगोष्ठी: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> मनोरंजन के विविध साधनों में एक साधन-वादकों की सभा । इसमें वादक वाद्य-संगीत के द्वारा श्रोताओं का मनोरंजन करते हैं । वृषभदेव के समय से ही ऐसी गोष्ठियाँ होती रही हैं । <span class="GRef"> महापुराण 12. 188, 14.192 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> मनोरंजन के विविध साधनों में एक साधन-वादकों की सभा । इसमें वादक वाद्य-संगीत के द्वारा श्रोताओं का मनोरंजन करते हैं । <br> | ||
वृषभदेव के समय से ही ऐसी गोष्ठियाँ होती रही हैं । <span class="GRef"> महापुराण 12. 188, 14.192 </span></p> | |||
</div> | </div> | ||
Revision as of 21:31, 5 January 2023
मनोरंजन के विविध साधनों में एक साधन-वादकों की सभा । इसमें वादक वाद्य-संगीत के द्वारा श्रोताओं का मनोरंजन करते हैं ।
वृषभदेव के समय से ही ऐसी गोष्ठियाँ होती रही हैं । महापुराण 12. 188, 14.192