वर्णोत्तमत्व: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Neelantchul (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> द्विजों के दस अधिकारों में तीसरा अधिकार-समस्त वर्णों में श्रेष्ठ होने की मान्यता । <span class="GRef"> महापुराण 40.175, 182 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> द्विजों के दस अधिकारों में तीसरा अधिकार - समस्त वर्णों में श्रेष्ठ होने की मान्यता । <span class="GRef"> महापुराण 40.175, 182 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Revision as of 18:45, 6 January 2023
द्विजों के दस अधिकारों में तीसरा अधिकार - समस्त वर्णों में श्रेष्ठ होने की मान्यता । महापुराण 40.175, 182