मिश्र: Difference between revisions
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<p>1. आहार का एक दोष–देखें [[ आहार#II.4.4 | आहार - II.4.4]]। 2. वसतिका का एक दोष–देखें [[ वसतिका ]]। 3. एक ही उपयोग में शुद्ध व अशुद्ध दो अंश–देखें [[ उपयोग#II.3 | उपयोग - II.3]]। 4. मिश्र चारित्र अर्थात् एक ही चारित्र में दो अंश–देखें [[ चारित्र#7.7 | चारित्र - 7.7]]। 5. व्रत, समिति, गुप्ति आदि में युगपत् दो अंश–प्रवृत्ति व निवृत्ति–देखें [[ संवर#2 | संवर - 2]]। 6. संयम व असंयम का मिश्रपना–देखें [[ संयतासंयत#2 | संयतासंयत - 2]]। 7. एक ही संयम में दो अंश–प्रमत्तता व संयम–देखें [[ संयत#2 | संयत - 2]]। 8. एक ही श्रद्धान व ज्ञान में दो अंश–सम्यक् व मिथ्या–देखें [[ आगे मिश्र गुणस्थान ]]। 9. मिश्र प्रकृति–देखें [[ मोहनीय ]]। </p> | <p class="HindiText">1. आहार का एक दोष–देखें [[ आहार#II.4.4 | आहार - II.4.4]]। <br> | ||
2. वसतिका का एक दोष–देखें [[ वसतिका ]]। <br> | |||
3. एक ही उपयोग में शुद्ध व अशुद्ध दो अंश–देखें [[ उपयोग#II.3 | उपयोग - II.3]]। <br> | |||
4. मिश्र चारित्र अर्थात् एक ही चारित्र में दो अंश–देखें [[ चारित्र#7.7 | चारित्र - 7.7]]। <br> | |||
5. व्रत, समिति, गुप्ति आदि में युगपत् दो अंश–प्रवृत्ति व निवृत्ति–देखें [[ संवर#2 | संवर - 2]]। <br> | |||
6. संयम व असंयम का मिश्रपना–देखें [[ संयतासंयत#2 | संयतासंयत - 2]]। <br> | |||
7. एक ही संयम में दो अंश–प्रमत्तता व संयम–देखें [[ संयत#2 | संयत - 2]]। <br> | |||
8. एक ही श्रद्धान व ज्ञान में दो अंश–सम्यक् व मिथ्या–देखें [[ आगे मिश्र गुणस्थान ]]। <br> | |||
9. मिश्र प्रकृति–देखें [[ मोहनीय ]]। </p> | |||
Revision as of 14:31, 20 January 2023
1. आहार का एक दोष–देखें आहार - II.4.4।
2. वसतिका का एक दोष–देखें वसतिका ।
3. एक ही उपयोग में शुद्ध व अशुद्ध दो अंश–देखें उपयोग - II.3।
4. मिश्र चारित्र अर्थात् एक ही चारित्र में दो अंश–देखें चारित्र - 7.7।
5. व्रत, समिति, गुप्ति आदि में युगपत् दो अंश–प्रवृत्ति व निवृत्ति–देखें संवर - 2।
6. संयम व असंयम का मिश्रपना–देखें संयतासंयत - 2।
7. एक ही संयम में दो अंश–प्रमत्तता व संयम–देखें संयत - 2।
8. एक ही श्रद्धान व ज्ञान में दो अंश–सम्यक् व मिथ्या–देखें आगे मिश्र गुणस्थान ।
9. मिश्र प्रकृति–देखें मोहनीय ।