उन्मग्ना: Difference between revisions
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<p><span class="GRef">(राजवार्तिक अध्याय 3/10/4/171/33); ( त्रिलोकसार गाथा 594)</span></p> | <p><span class="GRef">(राजवार्तिक अध्याय 3/10/4/171/33); ( त्रिलोकसार गाथा 594)</span></p> | ||
<p class="HindiText">• उन्मग्ना नदी का लोक में अवस्थान आदि-देखें [[ लोक#3.7 | लोक - 3.7]]</p> | <p class="HindiText">• उन्मग्ना नदी का लोक में अवस्थान आदि-देखें [[ लोक#3.7 | लोक - 3.7]]</p> | ||
<p class="HindiText">विजयार्ध की गुफाओं में स्थित नदी। देखें [[ लोक#3.5 | लोक - 3.5]]। | <p class="HindiText">विजयार्ध की गुफाओं में स्थित नदी। देखें [[ लोक#3.5 | लोक - 3.5]]। </p> | ||
Latest revision as of 12:47, 23 January 2023
तिलोयपण्णत्ति अधिकार 4/238
णियजलपवाहपडिदं दव्वं गरुवं णेदि उवरिम्मि। जम्हा तम्हा भण्णइ उम्मग्गा वाहिणी एसा।
= क्योंकि, यह अपने जलप्रवाह में गिरे हुए भारी से भारी द्रव्य को भी ऊपर ले आती है। इसलिए यह नदी उन्मग्ना कही जाती है।
(राजवार्तिक अध्याय 3/10/4/171/33); ( त्रिलोकसार गाथा 594)
• उन्मग्ना नदी का लोक में अवस्थान आदि-देखें लोक - 3.7
विजयार्ध की गुफाओं में स्थित नदी। देखें लोक - 3.5।