वीतराग कथा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
देखें [[ कथा ]]। | <span class="GRef">न्यायदीपिका/3/34/79</span><p class="SanskritText">वादिप्रतिवादिनो: स्वमतस्थापनार्थं जयपराजयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो विजिगीषुकथा। गुरुशिष्याणां विशिष्टविदुषां वा रागद्वेषरहितानां तत्त्वनिर्णयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो वीतरागकथा। तत्र विजिगीषुकथा वाद इति चोच्यते।...विजिगीषुवाग्व्यवहार एव वादत्वप्रसिद्धे:। यथा स्वामिसमंतभद्राचार्यै: सर्वे सर्वथैकांतवादिनो वादे जिता इति</p><p class="HindiText">= वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु-कथा कहलाती है और गुरु तथा शिष्य में अथवा रागद्वेष रहित विशेष विद्वानों में तत्त्व के निर्णय होने तक जो चर्चा चलती है वह '''वीतरागकथा''' है। इनमें विजिगीषु कथा को वाद कहते हैं। हार जीत की चर्चा को अवश्य वाद कहा जाता है। जैसे - स्वामी समंतभद्राचार्य ने सभी एकांतवादियों को वाद में जीत लिया। </p> | ||
<p class="HindiText">देखें [[ कथा ]]। </p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: व]] | [[Category: व]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 15:12, 31 January 2023
न्यायदीपिका/3/34/79
वादिप्रतिवादिनो: स्वमतस्थापनार्थं जयपराजयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो विजिगीषुकथा। गुरुशिष्याणां विशिष्टविदुषां वा रागद्वेषरहितानां तत्त्वनिर्णयपर्यंतं परस्परं प्रवर्तमानो वाग्व्यापारो वीतरागकथा। तत्र विजिगीषुकथा वाद इति चोच्यते।...विजिगीषुवाग्व्यवहार एव वादत्वप्रसिद्धे:। यथा स्वामिसमंतभद्राचार्यै: सर्वे सर्वथैकांतवादिनो वादे जिता इति
= वादी और प्रतिवादी में अपने पक्ष को स्थापित करने के लिए जीत-हार होने तक जो परस्पर में वचन प्रवृत्ति या चर्चा होती है वह विजिगीषु-कथा कहलाती है और गुरु तथा शिष्य में अथवा रागद्वेष रहित विशेष विद्वानों में तत्त्व के निर्णय होने तक जो चर्चा चलती है वह वीतरागकथा है। इनमें विजिगीषु कथा को वाद कहते हैं। हार जीत की चर्चा को अवश्य वाद कहा जाता है। जैसे - स्वामी समंतभद्राचार्य ने सभी एकांतवादियों को वाद में जीत लिया।
देखें कथा ।