मणि: Difference between revisions
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<li><p class="HindiText"> चक्रवर्ती के 14 रत्नों में से एक–देखें [[ शलाका पुरुष#2.7 | शलाका पुरुष - 2.7]]।</p> </li> | <li><p class="HindiText"> चक्रवर्ती के 14 रत्नों में से एक–देखें [[ शलाका पुरुष#2.7 | शलाका पुरुष - 2.7]]।</p> </li> | ||
<li><p class="HindiText"> शिखरी पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव- देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4 ]]</p></li> | <li><p class="HindiText"> शिखरी पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव- देखें [[ लोक#5.4 | लोक - 5.4 ]]</p></li> | ||
<li><p class="HindiText"> रुचक पर्वत व | <li><p class="HindiText"> रुचक पर्वत का एक कूट–देखें [[ लोक#5.13 | लोक - 5.13 ]] व कुंडलवर पर्वत का एक कूट–देखें [[ लोक#5.12 | लोक - 5.12 ]]</p> </li> | ||
<li><p class="HindiText"> सुमेरु पर्वत के नंदन आदिवनों में स्थित गुफा–देखें [[ लोक#5.6 | लोक - 5.6 ]]इसका स्वामी सोमदेव है।</p></li> | <li><p class="HindiText"> सुमेरु पर्वत के नंदन आदिवनों में स्थित गुफा–देखें [[ लोक#5.6 | लोक - 5.6 ]]इसका स्वामी सोमदेव है।</p></li> | ||
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Revision as of 16:30, 31 January 2023
सिद्धांतकोष से
चक्रवर्ती के 14 रत्नों में से एक–देखें शलाका पुरुष - 2.7।
शिखरी पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव- देखें लोक - 5.4
रुचक पर्वत का एक कूट–देखें लोक - 5.13 व कुंडलवर पर्वत का एक कूट–देखें लोक - 5.12
सुमेरु पर्वत के नंदन आदिवनों में स्थित गुफा–देखें लोक - 5.6 इसका स्वामी सोमदेव है।
पुराणकोष से
(1) चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक अजीव रत्न । महापुराण 37. 83-85
(2) विदेह क्षेत्र के रत्नसंचयन नगर का अमात्य । इसकी गुणावली स्त्री और सामंतवर्द्धन पुत्र था । पद्मपुराण 13. 62
(3) कुंडलगिरि के पश्चिम दिशा संबंधी चार कूटों में एक कूट । श्रीवक्षदेव इसी कूट पर रहता है । हरिवंशपुराण 5.693