एकदंडधर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: ए]] | [[Category: ए]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Revision as of 14:24, 1 February 2023
तीर्थंकर वृषभदेव के साथ दीक्षित हुए किंतु परीषह सहने में असमर्थ, वनदेवता के भय से भयभीत, पथभ्रष्ट, कंदमूल-फल भोजी और वन-उटज निवासी एकदंडधारी परिव्राजक । महापुराण 18. 51-60