खदिरसार: Difference between revisions
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<p class="HindiText">म.पु./७४/श्लोक विन्ध्याचल पर्वतपर एक भील था। मुनिराज के समीप कौवे के मांस का त्याग किया।(३८६-३९६) प्राण जाते भी नियम का पालन किया। अन्त में मरकर सौधर्मस्वर्ग में देव हुआ (४१०-)। यह श्रेणिक राजा का पूर्व का तीसरा भव है।–देखें - [[ श्रेणिक | श्रेणिक ]]</p> | |||
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Revision as of 22:15, 24 December 2013
म.पु./७४/श्लोक विन्ध्याचल पर्वतपर एक भील था। मुनिराज के समीप कौवे के मांस का त्याग किया।(३८६-३९६) प्राण जाते भी नियम का पालन किया। अन्त में मरकर सौधर्मस्वर्ग में देव हुआ (४१०-)। यह श्रेणिक राजा का पूर्व का तीसरा भव है।–देखें - श्रेणिक