संभांत: Difference between revisions
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Revision as of 08:35, 8 February 2023
पहली धर्मा पृथिवी के तेरह प्रजा से में छठे प्रस्तार का छठा इंद्रक बिल । इस बिल की चारों दिशाओं में एक सौ छिहत्तर तथा विदिशाओं में एक सौ बहत्तर श्रेणीबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.76, 94