कर्तव्य: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> जीव का कर्तव्य अकर्तव्य–देखें [[ धर्म#5.3 | धर्म - 5.3]]। | <span class="HindiText"><strong name> अन्य के प्रति व्यक्ति का कर्तव्य-अकर्तव्य</strong> </span><br /> | ||
<span class="GRef"> ज्ञानार्णव/2-10/21 </span><span class="SanskritGatha">यद्यत्स्वस्यानिष्टं तत्तद्वाक्चित्तकर्मभि: कार्यम् । स्वप्नेऽपि नो परेषामिति धर्मस्यागिम्रं लिंगम् ।21।</span> =<span class="HindiText">धर्म का मुख्य चिह्न यह है कि, जो जो क्रियाएँ अपने को अनिष्ट लगती हों, सो सो अन्य के लिए मन वचन काय से स्वप्न में भी नहीं करना चाहिए।</span> | |||
<span class="HindiText"> जीव का कर्तव्य अकर्तव्य–देखें [[ धर्म#5.3 | धर्म - 5.3]]।</span> | |||
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Revision as of 14:19, 12 February 2023
अन्य के प्रति व्यक्ति का कर्तव्य-अकर्तव्य
ज्ञानार्णव/2-10/21 यद्यत्स्वस्यानिष्टं तत्तद्वाक्चित्तकर्मभि: कार्यम् । स्वप्नेऽपि नो परेषामिति धर्मस्यागिम्रं लिंगम् ।21। =धर्म का मुख्य चिह्न यह है कि, जो जो क्रियाएँ अपने को अनिष्ट लगती हों, सो सो अन्य के लिए मन वचन काय से स्वप्न में भी नहीं करना चाहिए।
जीव का कर्तव्य अकर्तव्य–देखें धर्म - 5.3।