व्यय: Difference between revisions
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<span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/300/5</span> <p class="SanskritText">पूर्वभावविगमनं व्ययः। यथा घटोत्पत्तौ पिंडाकृतिर्व्ययः।</p> | <span class="GRef">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/300/5</span> <p class="SanskritText">पूर्वभावविगमनं व्ययः। यथा घटोत्पत्तौ पिंडाकृतिर्व्ययः।</p> | ||
<p class="HindiText">= पूर्व | <p class="HindiText">= पूर्व अवस्था के त्याग को व्यय कहते हैं। जैसे घट की उत्पत्ति होने पर पिंडरूप आकार का त्याग हो जाता है।</p> | ||
<p class="HindiText">(<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 5/30/2/495/1</span>)</p> | <p class="HindiText">(<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 5/30/2/495/1</span>)</p> | ||
<span class="GRef">प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / गाथा 95</span> <p class="SanskritText">व्ययः प्रच्यवनं। | <span class="GRef">प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / गाथा 95</span> <p class="SanskritText">व्ययः प्रच्यवनं। |
Revision as of 18:10, 10 March 2023
सिद्धांतकोष से
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 5/300/5
पूर्वभावविगमनं व्ययः। यथा घटोत्पत्तौ पिंडाकृतिर्व्ययः।
= पूर्व अवस्था के त्याग को व्यय कहते हैं। जैसे घट की उत्पत्ति होने पर पिंडरूप आकार का त्याग हो जाता है।
(राजवार्तिक अध्याय 5/30/2/495/1)
प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका / गाथा 95
व्ययः प्रच्यवनं।
= व्यय प्रच्युति है। (अर्थात् पूर्व अवस्थाका नष्ट होना)। देखें उत्पादव्ययध्रौव्य#1.7 ।
पुराणकोष से
नयी पर्याय की प्राप्ति । महापुराण 24.110, हरिवंशपुराण 1.1