समानदत्ति: Difference between revisions
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Revision as of 14:06, 17 March 2023
चतुर्विधदत्ति का एक भेद । क्रिया, मंत्र और व्रत आदि से जो अपने समान है तथा जो संसार से उद्धार करने वाले हैं उन्हें पृथिवी, स्वर्ण आदि समान बुद्धि से श्रद्धा के साथ दान देना समानदत्ति है । महापुराण 38.38-39 देखें दत्ति