सिद्धशिला: Difference between revisions
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Revision as of 15:52, 22 March 2023
नेमिनाथ के समय में राजगृहनगर की इस नाम की एक शिला । तीर्थंकर गिरिनार पर्वत पर भी इंद्र द्वारा वज्र से उकेरकर ऐसी शिला निर्मित की गयी थी । ऐसी ही एक सम्मेदशिखर पर भी थी जिस पर तपस्या करके बीस तीर्थंकर मोक्ष गये । महापुराण 54.269-273, हरिवंशपुराण 60. 36-37, 65.14