चित्रांगद: Difference between revisions
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<p class="HindiText">—(पा.पु./१७/श्लोक नं.) अर्जुन का प्रधान शिष्य था (६५); वनवास के समय सहाय वन में नारद द्वारा, पाण्डवों पर दुर्योधन की चढ़ाई का समाचार जानकर (८६) उसे वहा जाकर बाध लिया।</p> | |||
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Revision as of 15:15, 25 December 2013
—(पा.पु./१७/श्लोक नं.) अर्जुन का प्रधान शिष्य था (६५); वनवास के समय सहाय वन में नारद द्वारा, पाण्डवों पर दुर्योधन की चढ़ाई का समाचार जानकर (८६) उसे वहा जाकर बाध लिया।