गृहस्थ: Difference between revisions
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Revision as of 21:19, 19 April 2023
ब्रह्मचर्य के बाद का आश्रम । इस आश्रम में विवाह के पश्चात् गृहस्थ समाज सेवा के कार्यों में प्रवृत्त होता है । महापुराण 15.61-76, 38.124-127