चक्रक: Difference between revisions
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वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: ( | <div class="HindiText">वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (<span class="GRef">श्लोकवार्तिक/4/न्या.459/555</span>)। | ||
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Revision as of 13:42, 12 May 2023
सिद्धांतकोष से
वादी का बात करते हुए पुन:-पुन: घूमकर वहीं आ जाना चक्रक दोष है: (श्लोकवार्तिक/4/न्या.459/555)।
पुराणकोष से
माहेंद्र स्वर्ग का एक विमान । महापुराण 62.78