स्वराज्यप्राप्तक्रिया: Difference between revisions
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Revision as of 15:53, 26 June 2023
गृहस्थ की तिरेपन क्रियाओं में तेतालीसवीं क्रिया । इसमें जिनकी यह क्रिया होती है उसे राजाओं के द्वारा राजाधिराज के पद पर अभिषिक्त किया जाता है । वह भी दूसरे के शासन से रहित समुद्र पर्यंत इस पृथिवी का शासन करता है । इस प्रकार सम्राट पद पर अभिषिक्त होना स्वराज्यप्राप्तिक्रिया कहलाती है । महापुराण 38.61, 232