मानव: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 6: | Line 6: | ||
<li> एक ग्रह –देखें [[ ग्रह ]]। </li> | <li> एक ग्रह –देखें [[ ग्रह ]]। </li> | ||
<li> विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का एक नगर –देखें [[ विद्याधर ]]। </li> | <li> विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का एक नगर –देखें [[ विद्याधर ]]। </li> | ||
<li> चक्रवर्ती की नवनिधियों में से एक –देखें [[ शलाका_पुरुष#2.9 | | <li> चक्रवर्ती की नवनिधियों में से एक –देखें [[ शलाका_पुरुष#2.9 | शलाका पुरुष - 2.9]]। </li> | ||
<li> जीव को मानव कहने की विवक्षा –देखें [[ जीव#1.3.6 | जीव - 1.3.6]]। </li> | <li> जीव को मानव कहने की विवक्षा –देखें [[ जीव#1.3.6 | जीव - 1.3.6]]। </li> | ||
</span> | </span> |
Revision as of 08:04, 2 July 2023
सिद्धांतकोष से
- एक ग्रह –देखें ग्रह ।
- विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का एक नगर –देखें विद्याधर ।
- चक्रवर्ती की नवनिधियों में से एक –देखें शलाका पुरुष - 2.9।
- जीव को मानव कहने की विवक्षा –देखें जीव - 1.3.6।
पुराणकोष से
(1) एक विद्या-निकाय । धरणेंद्र की अदिति देवी ने यह निकाय नमि और विनमि को दिया था । हरिवंशपुराण 22.54-58
(2) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का पंद्रहवाँ नगर । हरिवंशपुराण 22. 95
(3) विजयार्ध पर्वतकी उत्तरश्रेणी का छब्बीसवाँ नगर । हरिवंशपुराण 22. 88