सूक्ष्मसांपराय: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> (1) दसवाँ गुणस्थान । इसमें बादर लोभ कषाय भी नहीं होता । राग अतिसूक्ष्म रह जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 11.90, 20. 250-260 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.82 </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 13.121-122 </span></p> | |||
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Revision as of 22:28, 13 July 2023
(1) दसवाँ गुणस्थान । इसमें बादर लोभ कषाय भी नहीं होता । राग अतिसूक्ष्म रह जाता है । महापुराण 11.90, 20. 250-260 हरिवंशपुराण 3.82 वीरवर्द्धमान चरित्र 13.121-122
(2) चारित्र का एक भेद इसमें कषाय अत्यंत सूक्ष्म होता है । हरिवंशपुराण 64. 18