इक्ष्वाकुवंश: Difference between revisions
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<p class="HindiText">सर्वप्रथम भगवान् आदिनाथ से यह वंश प्रारम्भ हुआ। पीछे इसकी दो शाखाएँ हो गयीं एक सूर्यवंश दूसरी चन्द्रवंश। ( <span class="GRef">हरिवंशपुराण 13/33</span> ) सूर्यवंश की शाखा भरत चक्रवर्ती के पुत्र अर्ककीर्ति से प्रारम्भ हुई, क्योंकि अर्क नाम सूर्य का है। ( <span class="GRef">पद्मपुराण 5/4</span> ) इस सूर्यवंश का नाम ही सर्वत्र इक्ष्वाकु वंश प्रसिद्ध है। ( <span class="GRef">परमात्मप्रकाश 5/261</span> ) चन्द्रवंश की शाखा बाहुबली के पुत्र सोमयश से प्रारम्भ हुई (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13/16</span> )। इसीका नाम सोमवंश भी है, क्योंकि सोम और चन्द्र एकार्थवाची हैं (<span class="GRef"> पद्मपुराण 5/12 </span>) </p><br> | <p class="HindiText">सर्वप्रथम भगवान् आदिनाथ से यह वंश प्रारम्भ हुआ। पीछे इसकी दो शाखाएँ हो गयीं एक सूर्यवंश दूसरी चन्द्रवंश। <br> | ||
( <span class="GRef">हरिवंशपुराण 13/33</span> ) सूर्यवंश की शाखा भरत चक्रवर्ती के पुत्र अर्ककीर्ति से प्रारम्भ हुई, क्योंकि अर्क नाम सूर्य का है। ( <span class="GRef">पद्मपुराण 5/4</span> ) इस सूर्यवंश का नाम ही सर्वत्र '''इक्ष्वाकु वंश''' प्रसिद्ध है। ( <span class="GRef">परमात्मप्रकाश 5/261</span> ) चन्द्रवंश की शाखा बाहुबली के पुत्र सोमयश से प्रारम्भ हुई (<span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13/16</span> )। इसीका नाम सोमवंश भी है, क्योंकि सोम और चन्द्र एकार्थवाची हैं (<span class="GRef"> पद्मपुराण 5/12 </span>) </p><br> | |||
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Revision as of 12:23, 20 July 2023
सर्वप्रथम भगवान् आदिनाथ से यह वंश प्रारम्भ हुआ। पीछे इसकी दो शाखाएँ हो गयीं एक सूर्यवंश दूसरी चन्द्रवंश।
( हरिवंशपुराण 13/33 ) सूर्यवंश की शाखा भरत चक्रवर्ती के पुत्र अर्ककीर्ति से प्रारम्भ हुई, क्योंकि अर्क नाम सूर्य का है। ( पद्मपुराण 5/4 ) इस सूर्यवंश का नाम ही सर्वत्र इक्ष्वाकु वंश प्रसिद्ध है। ( परमात्मप्रकाश 5/261 ) चन्द्रवंश की शाखा बाहुबली के पुत्र सोमयश से प्रारम्भ हुई ( हरिवंशपुराण 13/16 )। इसीका नाम सोमवंश भी है, क्योंकि सोम और चन्द्र एकार्थवाची हैं ( पद्मपुराण 5/12 )
अधिक जानकारी के लिये देखें इतिहास - 9.2