सुप्रबुद्धा: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
Neelantchul (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) रुचकगिरि के तीसरे मंदरकूट पर रहने वाली एक दिक्कुमारी | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) रुचकगिरि के तीसरे मंदरकूट पर रहने वाली एक दिक्कुमारी देवी। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.708 </span></p> | ||
<p id="2">(2) नंदीश्वर द्वीप की पश्चिम दिशा संबंधी अजनगिरि की दक्षिण दिशा में स्थित एक | <p id="2">(2) नंदीश्वर द्वीप की पश्चिम दिशा संबंधी अजनगिरि की दक्षिण दिशा में स्थित एक वापी। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.662 </span></p> | ||
<p id="3">(3) साकेत नगर के राजा अरिंजय के पुत्र अरिंदम | <p id="3">(3) साकेत नगर के राजा अरिंजय के पुत्र अरिंदम और उनकी श्रीमती रानी की पुत्री। इसने प्रियदर्शना आर्यिका से दीक्षा ले ली थी। आयु के अंत में सौधर्म इंद्र की यह मणिचूला नाम की देवी हुई। <span class="GRef"> महापुराण 72.25, 34-36 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Line 11: | Line 11: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: स]] | [[Category: स]] |
Revision as of 17:29, 30 July 2023
(1) रुचकगिरि के तीसरे मंदरकूट पर रहने वाली एक दिक्कुमारी देवी। हरिवंशपुराण 5.708
(2) नंदीश्वर द्वीप की पश्चिम दिशा संबंधी अजनगिरि की दक्षिण दिशा में स्थित एक वापी। हरिवंशपुराण 5.662
(3) साकेत नगर के राजा अरिंजय के पुत्र अरिंदम और उनकी श्रीमती रानी की पुत्री। इसने प्रियदर्शना आर्यिका से दीक्षा ले ली थी। आयु के अंत में सौधर्म इंद्र की यह मणिचूला नाम की देवी हुई। महापुराण 72.25, 34-36