सुमित्र: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) कुरुवंशी राजा सागरसेन का पुत्र और राजा वप्रभु का | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) कुरुवंशी राजा सागरसेन का पुत्र और राजा वप्रभु का पिता। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 18. 19 </span></p> | ||
<p id="2">(2) शौर्यपुर नगर के एक आश्रम का | <p id="2">(2) शौर्यपुर नगर के एक आश्रम का तापस। सोमयशा इसकी पत्नी थी। यह उच्छवृत्ति से जीविका चलाता था। उच्छवृत्ति के लिए पुत्र को अकेला छोड़ जाने से इसके पुत्र को जृंभक देव उठा ले गया था। जो नारद नाम से विख्यात हुआ। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 42.14-27, </span>देखें [[ जृंभक ]]</p> | ||
<p id="3">(3) हरिवंश में हुआ कुशाग्रपुर नगर का | <p id="3">(3) हरिवंश में हुआ कुशाग्रपुर नगर का राजा। इसकी रानी पद्मावती थी। ये दोनों तीर्थंकर मुनिसुव्रत नाथ के माता-पिता थे। <span class="GRef"> महापुराण 67.20-21, 26-28, </span><span class="GRef"> <span class="GRef"> पद्मपुराण </span>20.56, 21.10-24, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 15.91-92, 16.17 </span></p> | ||
<p id="4">(4) वसुदेव और उनकी रानी मित्रश्री का | <p id="4">(4) वसुदेव और उनकी रानी मित्रश्री का पुत्र। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.58 </span></p> | ||
<p id="5">(5) कृष्ण की पटरानी जांबवती के पूर्वभव का | <p id="5">(5) कृष्ण की पटरानी जांबवती के पूर्वभव का पति। <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.43-44 </span></p> | ||
<p id="6">(6) विदेहक्षेत्र तो पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का | <p id="6">(6) विदेहक्षेत्र तो पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का राजा। यह प्रियमित्र का पिता था। <span class="GRef"> महापुराण 74.235-237, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 5.35-37 </span></p> | ||
<p id="7">(7) ऐरावतक्षेत्र में शतद्वारपुर के निवासी प्रभव का | <p id="7">(7) ऐरावतक्षेत्र में शतद्वारपुर के निवासी प्रभव का मित्र। इसका विवाह म्लेच्छ राजा द्विरद्दंष्ट्र की पुत्री वनमाला से हुआ था। इसने अंत में मुनि दीक्षा ले ली थी तथा आयु के अंत में मरकर ऐशान स्वर्ग में देव हुआ। वहाँ से चयकर यह मथुरा नगरी का राजा मधु हुआ। <span class="GRef"> <span class="GRef"> पद्मपुराण </span>12.22-23, 26-27, 52-54 </span></p> | ||
<p id="8">(8) कौशल देश की साकेतपुरी, <span class="GRef"> पद्मपुराण | <p id="8">(8) कौशल देश की साकेतपुरी, <span class="GRef"> (पद्मपुराण के अनुसार श्रावस्ती) </span> का राजा और चक्रवर्ती मघवा का पिता। <span class="GRef"> महापुराण 61.91-93 </span><span class="GRef"> पद्मपुराण </span>20. 131-132</p> | ||
<p id="9">(9) छठे बलभद्र नंदिमित्र के | <p id="9">(9) छठे बलभद्र नंदिमित्र के गुरु। <span class="GRef"> पद्मपुराण </span>20. 246-247</p> | ||
<p id="10">(10) भरत के साथ दीक्षित एक | <p id="10">(10) भरत के साथ दीक्षित एक नृप। <span class="GRef"> पद्मपुराण </span>88.1-6</p> | ||
<p id="11">(11) मंदिरपुर नगर का | <p id="11">(11) मंदिरपुर नगर का नृप। इसने तीर्थंकर शांतिनाथ को आहार दिया था। <span class="GRef"> महापुराण 63.478-479 </span></p> | ||
<p id="12">(12) सुसीमा नगरी के राजा अपराजित का | <p id="12">(12) सुसीमा नगरी के राजा अपराजित का पुत्र। <span class="GRef"> महापुराण 52. 3, 12 </span></p> | ||
<p id="13">(13) राजगृह नगर का | <p id="13">(13) राजगृह नगर का राजा। राजसिंह से हारने के पश्चात् यह पुत्र को राज्य देकर दीक्षित हो गया था। निदानपूर्वक मरकर यह माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ। <span class="GRef"> महापुराण 61.57-65 </span></p> | ||
<p id="14">(14) सुजन देश संबंधी हेमाभनगर के राजा दृढ़मित्र का तीसरा | <p id="14">(14) सुजन देश संबंधी हेमाभनगर के राजा दृढ़मित्र का तीसरा पुत्र। यह गुणमित्र और बहुमित्र का अनुज तथा धनमित्र का अग्रज था। इसकी हेमाभा बहिन थी, जो जीवंधर के साथ विवाही गयी थी। <span class="GRef"> महापुराण 75.420-430 </span></p> | ||
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Revision as of 21:27, 30 July 2023
सिद्धांतकोष से
महापुराण/61/श्लोक - राजगृह नगर का राजा बहुत बड़ा मल्ल था। (57-58) राजसिंह नामक मल्ल से हारने पर (59-60) निर्वेद पूर्वक दीक्षा ग्रहण कर ली। (62) बड़ा राजा बनने का निदान कर स्वर्ग में देव हुआ। (63-65) यह पुरुषसिंह नारायण का पूर्व का दूसरा भव है। -देखें पुरुषसिंह ।
पुराणकोष से
(1) कुरुवंशी राजा सागरसेन का पुत्र और राजा वप्रभु का पिता। हरिवंशपुराण 18. 19
(2) शौर्यपुर नगर के एक आश्रम का तापस। सोमयशा इसकी पत्नी थी। यह उच्छवृत्ति से जीविका चलाता था। उच्छवृत्ति के लिए पुत्र को अकेला छोड़ जाने से इसके पुत्र को जृंभक देव उठा ले गया था। जो नारद नाम से विख्यात हुआ। हरिवंशपुराण 42.14-27, देखें जृंभक
(3) हरिवंश में हुआ कुशाग्रपुर नगर का राजा। इसकी रानी पद्मावती थी। ये दोनों तीर्थंकर मुनिसुव्रत नाथ के माता-पिता थे। महापुराण 67.20-21, 26-28, पद्मपुराण 20.56, 21.10-24, हरिवंशपुराण 15.91-92, 16.17
(4) वसुदेव और उनकी रानी मित्रश्री का पुत्र। हरिवंशपुराण 48.58
(5) कृष्ण की पटरानी जांबवती के पूर्वभव का पति। हरिवंशपुराण 60.43-44
(6) विदेहक्षेत्र तो पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का राजा। यह प्रियमित्र का पिता था। महापुराण 74.235-237, वीरवर्द्धमान चरित्र 5.35-37
(7) ऐरावतक्षेत्र में शतद्वारपुर के निवासी प्रभव का मित्र। इसका विवाह म्लेच्छ राजा द्विरद्दंष्ट्र की पुत्री वनमाला से हुआ था। इसने अंत में मुनि दीक्षा ले ली थी तथा आयु के अंत में मरकर ऐशान स्वर्ग में देव हुआ। वहाँ से चयकर यह मथुरा नगरी का राजा मधु हुआ। पद्मपुराण 12.22-23, 26-27, 52-54
(8) कौशल देश की साकेतपुरी, (पद्मपुराण के अनुसार श्रावस्ती) का राजा और चक्रवर्ती मघवा का पिता। महापुराण 61.91-93 पद्मपुराण 20. 131-132
(9) छठे बलभद्र नंदिमित्र के गुरु। पद्मपुराण 20. 246-247
(10) भरत के साथ दीक्षित एक नृप। पद्मपुराण 88.1-6
(11) मंदिरपुर नगर का नृप। इसने तीर्थंकर शांतिनाथ को आहार दिया था। महापुराण 63.478-479
(12) सुसीमा नगरी के राजा अपराजित का पुत्र। महापुराण 52. 3, 12
(13) राजगृह नगर का राजा। राजसिंह से हारने के पश्चात् यह पुत्र को राज्य देकर दीक्षित हो गया था। निदानपूर्वक मरकर यह माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ। महापुराण 61.57-65
(14) सुजन देश संबंधी हेमाभनगर के राजा दृढ़मित्र का तीसरा पुत्र। यह गुणमित्र और बहुमित्र का अनुज तथा धनमित्र का अग्रज था। इसकी हेमाभा बहिन थी, जो जीवंधर के साथ विवाही गयी थी। महापुराण 75.420-430