देशनालब्धि: Difference between revisions
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देखें [[ लब्धि#3 | लब्धि - 3]]। | <span class="GRef"> धवला 6/1,9-8/204/7 </span><span class="PrakritText">छद्दव्व-णवपदत्थोवदेसो देसणा णाम। तीए देसणाए परिणदआइरियादीणमुवलंभो, देसिदत्थस्स गहण-धारणविचारणसत्तीए समागमो अ देसणलद्धी णाम।</span> = <span class="HindiText">छह द्रव्यों और नौ पदार्थों के उपदेश का नाम देशना है। उस देशना से परिणत आचार्य आदि की उपलब्धि को और उपदिष्ट अर्थ के ग्रहण, धारण तथा विचारण की शक्ति के समागम को '''देशनालब्धि''' कहते हैं। (<span class="GRef"> लब्धिसार/मूल /6/44 </span>)।<br /> | ||
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Revision as of 10:05, 2 August 2023
सिद्धांतकोष से
धवला 6/1,9-8/204/7 छद्दव्व-णवपदत्थोवदेसो देसणा णाम। तीए देसणाए परिणदआइरियादीणमुवलंभो, देसिदत्थस्स गहण-धारणविचारणसत्तीए समागमो अ देसणलद्धी णाम। = छह द्रव्यों और नौ पदार्थों के उपदेश का नाम देशना है। उस देशना से परिणत आचार्य आदि की उपलब्धि को और उपदिष्ट अर्थ के ग्रहण, धारण तथा विचारण की शक्ति के समागम को देशनालब्धि कहते हैं। ( लब्धिसार/मूल /6/44 )।
अधिक जानकारी के लिये देखें लब्धि - 3।
पुराणकोष से
धर्मोपदेश की प्राप्ति । यह सम्यग्दर्शन की लब्धि है । महापुराण 9.116