उपपादशिला: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
Jyoti Sethi (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 13: | Line 13: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: उ]] | [[Category: उ]] | ||
[[Category: | [[Category: प्रथमानुयोग]] |
Revision as of 15:41, 17 October 2023
देवों की उत्पादशय्या देव इन पर जन्म लेकर अंतर्मुहूर्त में नवयौवन से पूर्ण तथा अपने संपूर्ण लक्षणों से संपन्न हो जाते हैं । उपपाद शिला भी यही है । महापुराण 5.254-256 पद्मपुराण 64.70 वीरवर्द्धमान चरित्र 4.60
देखें उपपादशय्या ।