इंद्रदत्त: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) साकेत का राजा । दीक्षा के पश्चात् तीर्थंकर अभिनंदननाथ को इसने ही पहली बार आहार दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 50.54 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) साकेत का राजा । दीक्षा के पश्चात् तीर्थंकर अभिनंदननाथ को इसने ही पहली बार आहार दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 50.54 </span></p> | ||
<p>( 2) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित शुक्रप्रभनगर का राजा, यशोधरा का पति और वायुवेग का पिता । <span class="GRef"> महापुराण 63. 91-92 </span></p> | <p>( 2) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित शुक्रप्रभनगर का राजा, यशोधरा का पति और वायुवेग का पिता । <span class="GRef"> महापुराण 63. 91-92 </span></p> | ||
<p id="3">(3) कौशांबी के राजा कोशावत्स का पुत्र । यह विशिखाचार्य का शिष्य था । इसकी बहन का नाम इंद्रदत्ता था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 91. 30-32 </span></p> | <p id="3">(3) कौशांबी के राजा कोशावत्स का पुत्र । यह विशिखाचार्य का शिष्य था । इसकी बहन का नाम इंद्रदत्ता था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_91#30|पद्मपुराण - 91.30-32]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:16, 17 November 2023
(1) साकेत का राजा । दीक्षा के पश्चात् तीर्थंकर अभिनंदननाथ को इसने ही पहली बार आहार दिया था । महापुराण 50.54
( 2) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी में स्थित शुक्रप्रभनगर का राजा, यशोधरा का पति और वायुवेग का पिता । महापुराण 63. 91-92
(3) कौशांबी के राजा कोशावत्स का पुत्र । यह विशिखाचार्य का शिष्य था । इसकी बहन का नाम इंद्रदत्ता था । पद्मपुराण - 91.30-32