ऋषिवंश: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वृषभदेव के समय के चार महावंशी (इक्ष्वाकु, ऋषि, विद्याधर और हरिवंश) में एक वंश । इसी वंश को सोमवश अपरनाम चंद्रवंश कहा है । इसकी उत्पत्ति इक्ष्वाकु वंशी राजा बाहुबलि के पुत्र सोमयश से हुई थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.1-2, 11-13 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13.16 </span>देखें [[ सोमवश ]]</p> | <div class="HindiText"> <p> वृषभदेव के समय के चार महावंशी (इक्ष्वाकु, ऋषि, विद्याधर और हरिवंश) में एक वंश । इसी वंश को सोमवश अपरनाम चंद्रवंश कहा है । इसकी उत्पत्ति इक्ष्वाकु वंशी राजा बाहुबलि के पुत्र सोमयश से हुई थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#1|पद्मपुराण - 5.1-2]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#11|पद्मपुराण - 5.11]]-13 </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13.16 </span>देखें [[ सोमवश ]]</p> | ||
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Revision as of 22:16, 17 November 2023
सिद्धांतकोष से
पद्मपुराण 5/2
"चन्द्रवंश (सोमवंश) को ही ऋषिवंश कहते है।
एक पौराणिक राज्य वंश-अधिक जानकारी के लिेये देंखे इतिहास - 9.4।
पुराणकोष से
वृषभदेव के समय के चार महावंशी (इक्ष्वाकु, ऋषि, विद्याधर और हरिवंश) में एक वंश । इसी वंश को सोमवश अपरनाम चंद्रवंश कहा है । इसकी उत्पत्ति इक्ष्वाकु वंशी राजा बाहुबलि के पुत्र सोमयश से हुई थी । पद्मपुराण - 5.1-2,पद्मपुराण - 5.11-13 हरिवंशपुराण 13.16 देखें सोमवश