कर्षप: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> यक्षस्थान नगर का निवासी और सुरप का सहोदर । इन दोनों भाइयों ने मूल्य देकर किसी शिकारी द्वारा पकड़े गये पक्षी को मुक्त कराया था । परिणाम स्वरूप पक्षी ने अपनी सेनापति की पर्याय में, जब ये दोनों मुनि अवस्था में थे, इन दोनों की रक्षा की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39. 137-140 </span> | <span class="HindiText"> यक्षस्थान नगर का निवासी और सुरप का सहोदर । इन दोनों भाइयों ने मूल्य देकर किसी शिकारी द्वारा पकड़े गये पक्षी को मुक्त कराया था । परिणाम स्वरूप पक्षी ने अपनी सेनापति की पर्याय में, जब ये दोनों मुनि अवस्था में थे, इन दोनों की रक्षा की थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#137|पद्मपुराण - 39.137-140]] </span> | ||
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Latest revision as of 22:17, 17 November 2023
यक्षस्थान नगर का निवासी और सुरप का सहोदर । इन दोनों भाइयों ने मूल्य देकर किसी शिकारी द्वारा पकड़े गये पक्षी को मुक्त कराया था । परिणाम स्वरूप पक्षी ने अपनी सेनापति की पर्याय में, जब ये दोनों मुनि अवस्था में थे, इन दोनों की रक्षा की थी । पद्मपुराण - 39.137-140