क्रूरामर: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> धातकीखंड द्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र के निवासो अरिंजय और उसकी पत्नी जयावती का पुत्र । यह धनश्रुति का अग्रज था और सहस्रशीर्ष राजा का सेवक । इसने महामुनि केवली से दीक्षा धारण कर ली तथा अंत में शतार स्वर्ग में देव और वहाँ से चयकर मेघवाहन हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.128-133 </span> | <span class="HindiText"> धातकीखंड द्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र के निवासो अरिंजय और उसकी पत्नी जयावती का पुत्र । यह धनश्रुति का अग्रज था और सहस्रशीर्ष राजा का सेवक । इसने महामुनि केवली से दीक्षा धारण कर ली तथा अंत में शतार स्वर्ग में देव और वहाँ से चयकर मेघवाहन हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#128|पद्मपुराण - 5.128-133]] </span> | ||
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धातकीखंड द्वीप के पश्चिम विदेहक्षेत्र के निवासो अरिंजय और उसकी पत्नी जयावती का पुत्र । यह धनश्रुति का अग्रज था और सहस्रशीर्ष राजा का सेवक । इसने महामुनि केवली से दीक्षा धारण कर ली तथा अंत में शतार स्वर्ग में देव और वहाँ से चयकर मेघवाहन हुआ । पद्मपुराण - 5.128-133