खेट: Difference between revisions
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<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/4/1398 </span>...। <span class="PrakritText">गिरिसरिकदपरिवेढं खेडं...।</span>=<span class="HindiText">पर्वत और नदी से घिरा हुआ खेट कहलाता है।</span> <span class="GRef"> धवला 13/5,5,63/335/7 </span><span class="PrakritText">सरितपर्वतावरुद्धं खेडं णाम।</span>=<span class="HindiText">नदी और पर्वत से अवरुद्ध नगर की खेट संज्ञा है। | <span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/4/1398 </span>...। <span class="PrakritText">गिरिसरिकदपरिवेढं खेडं...।</span>=<span class="HindiText">पर्वत और नदी से घिरा हुआ खेट कहलाता है।</span> <span class="GRef"> धवला 13/5,5,63/335/7 </span><span class="PrakritText">सरितपर्वतावरुद्धं खेडं णाम।</span>=<span class="HindiText">नदी और पर्वत से अवरुद्ध नगर की खेट संज्ञा है। <span class="GRef">( महापुराण/16/161 )</span>; <span class="GRef">( त्रिलोकसार/676 )</span>।</span> | ||
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Revision as of 22:20, 17 November 2023
सिद्धांतकोष से
तिलोयपण्णत्ति/4/1398 ...। गिरिसरिकदपरिवेढं खेडं...।=पर्वत और नदी से घिरा हुआ खेट कहलाता है। धवला 13/5,5,63/335/7 सरितपर्वतावरुद्धं खेडं णाम।=नदी और पर्वत से अवरुद्ध नगर की खेट संज्ञा है। ( महापुराण/16/161 ); ( त्रिलोकसार/676 )।
पुराणकोष से
नदी और पर्वत से घिरा हुआ ग्राम, नगर । महापुराण 16. 171, हरिवंशपुराण 2.3