छत्रच्छाय: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> महापुर नगर का राजा । इसकी रानी श्रीदत्ता थी । इसी नगर के सेठ मेरु और सेठानी धारिणी के पुत्र पद्मरूचि (धनदत्त का जीव) द्वारा मरणकाल में पंचनमस्कार― मंत्र सुनकर एक बैल अगले जन्म में राजा का पुत्र हुआ । वृषभध्वज उसका नाम था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 106. 38-48 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> महापुर नगर का राजा । इसकी रानी श्रीदत्ता थी । इसी नगर के सेठ मेरु और सेठानी धारिणी के पुत्र पद्मरूचि (धनदत्त का जीव) द्वारा मरणकाल में पंचनमस्कार― मंत्र सुनकर एक बैल अगले जन्म में राजा का पुत्र हुआ । वृषभध्वज उसका नाम था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_106#38|पद्मपुराण - 106.38-48]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:20, 17 November 2023
महापुर नगर का राजा । इसकी रानी श्रीदत्ता थी । इसी नगर के सेठ मेरु और सेठानी धारिणी के पुत्र पद्मरूचि (धनदत्त का जीव) द्वारा मरणकाल में पंचनमस्कार― मंत्र सुनकर एक बैल अगले जन्म में राजा का पुत्र हुआ । वृषभध्वज उसका नाम था । पद्मपुराण - 106.38-48