द्वादशी व्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">१२ वर्ष पर्यन्त प्रतिवर्ष भाद्रपद शु.१२ को उपवास करे। ‘‘ॐ ह्रीं अर्हद्भयो नम:’’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.१२२); (जैन व्रत कथा)</p> | |||
[[द्वात्रिंशतिका | Previous Page]] | |||
[[द्वारपाल | Next Page]] | |||
[[Category:द]] | |||
Revision as of 16:16, 25 December 2013
१२ वर्ष पर्यन्त प्रतिवर्ष भाद्रपद शु.१२ को उपवास करे। ‘‘ॐ ह्रीं अर्हद्भयो नम:’’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.१२२); (जैन व्रत कथा)