नियमदत्त: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> कुमुदावती नगरी का निवासी एक वणिक् । राजपुरोहित ने इसका धन छिपा लिया था । राजा की आज्ञा से रानी ने जुए में पुरोहित को हराकर उसकी अँगूठी जीत ली और अँगूठी को पुरोहित की पत्नी के पास भेजकर तथा इसका धन मँगाकर इसे दिया था । अंत में यह तपश्चरणपूर्वक मरकर नागकुमारों का राजा धरणेंद्र हुआ । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.37-42, 46 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> कुमुदावती नगरी का निवासी एक वणिक् । राजपुरोहित ने इसका धन छिपा लिया था । राजा की आज्ञा से रानी ने जुए में पुरोहित को हराकर उसकी अँगूठी जीत ली और अँगूठी को पुरोहित की पत्नी के पास भेजकर तथा इसका धन मँगाकर इसे दिया था । अंत में यह तपश्चरणपूर्वक मरकर नागकुमारों का राजा धरणेंद्र हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#37|पद्मपुराण - 5.37-42]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#46|पद्मपुराण - 5.46]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:21, 17 November 2023
कुमुदावती नगरी का निवासी एक वणिक् । राजपुरोहित ने इसका धन छिपा लिया था । राजा की आज्ञा से रानी ने जुए में पुरोहित को हराकर उसकी अँगूठी जीत ली और अँगूठी को पुरोहित की पत्नी के पास भेजकर तथा इसका धन मँगाकर इसे दिया था । अंत में यह तपश्चरणपूर्वक मरकर नागकुमारों का राजा धरणेंद्र हुआ । पद्मपुराण - 5.37-42,पद्मपुराण - 5.46