भागाभाग: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 94: | Line 94: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td width="36" valign="top"><p><strong>2</strong></p></td> | <td width="36" valign="top"><p><strong>2</strong></p></td> | ||
<td width="720" colspan="11" valign="top"><p><strong>मोहनीय कर्म सत्त्व संबंधी | <td width="720" colspan="11" valign="top"><p><strong>मोहनीय कर्म सत्त्व संबंधी <span class="GRef">( कषायपाहुड़ </span></strong><strong>) </strong><strong> </strong></p></td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> | ||
Line 223: | Line 223: | ||
<li class="HindiText"> जीवों का संख्या विषयक भागाभाग–देखें [[ संख्या#3.4 | संख्या - 3.4]]-9।<br /> | <li class="HindiText"> जीवों का संख्या विषयक भागाभाग–देखें [[ संख्या#3.4 | संख्या - 3.4]]-9।<br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> जघन्य-उत्कृष्ट योग स्थानों स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे. | <li class="HindiText"> जघन्य-उत्कृष्ट योग स्थानों स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.<span class="GRef">( धवला 10/95/1 )</span>।<br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> प्रथमादि योग वर्गणाओं में जीव प्रदेशों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे. | <li class="HindiText"> प्रथमादि योग वर्गणाओं में जीव प्रदेशों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.<span class="GRef">( धवला 10/448/11 )</span> <br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> जघन्य-उत्कृष्ट अवगाहना स्थानों में स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे. | <li class="HindiText"> जघन्य-उत्कृष्ट अवगाहना स्थानों में स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.<span class="GRef">( धवला 11/27/19 )</span>।<br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> जघन्य उत्कृष्ट क्षेत्रों में स्थिति जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे. | <li class="HindiText"> जघन्य उत्कृष्ट क्षेत्रों में स्थिति जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.<span class="GRef">( धवला 32/16 )</span>।<br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> 23 वर्गणाओं में परमाणुओं का भागाभाग–दे. | <li class="HindiText"> 23 वर्गणाओं में परमाणुओं का भागाभाग–दे.<span class="GRef">( धवला 14/160-163 )</span>।<br /> | ||
</li> | </li> | ||
<li class="HindiText"> पाँच शरीरों के जघन्य, उत्कृष्ट व उभय स्थिति में जीवों के निषेकों का भागाभाग।–देखें [[ ]] | <li class="HindiText"> पाँच शरीरों के जघन्य, उत्कृष्ट व उभय स्थिति में जीवों के निषेकों का भागाभाग।–देखें [[ ]]<span class="GRef">( षट्खंडागम 14 </span>सू.331-339/370)।</li> | ||
<li class="HindiText"> आठों कर्मों की मूलोत्तर प्रकृतियों के प्रकृतिरूप भेदों की, समय प्रबद्धार्थता व क्षेत्र प्रयास की अपेक्षा प्रमाण का परस्पर भागाभाग।–दे. | <li class="HindiText"> आठों कर्मों की मूलोत्तर प्रकृतियों के प्रकृतिरूप भेदों की, समय प्रबद्धार्थता व क्षेत्र प्रयास की अपेक्षा प्रमाण का परस्पर भागाभाग।–दे.<span class="GRef">( षट्खंडागम 12/9 </span>सू.1-21/501)। </li> | ||
</ol> | </ol> | ||
</ol> | </ol> |
Latest revision as of 22:27, 17 November 2023
कुल द्रव्य में से विभाग करके कितना भाग किसके हिस्से में आता है, इसे भागाभाग कहते हैं। जैसे एक समयप्रबद्ध सर्व कर्म प्रदेशों का कुछ भाग ज्ञानावरणीय को मिला, उसमें से भी चौथाई-चौथाई भाग मतिज्ञानावरणी को मिला। इसी प्रकार कर्मों के प्रकृति, स्थिति, अनुभाग व प्रदेशबंध में, उनके चारों प्रकार के सत्त्व में अथवा भुजगार व अल्पतर बंधक जीवों आदि विषयों में यथायोग्य लागू करके विस्तृत प्ररूपणाएँ की गयी हैं। जिनके संदर्भों की सूची नीचे दी गयी है–
नं. |
प्रकृति विषयक |
स्थिति विषयक |
अनुभाग विषयक |
प्रदेश विषयक |
|||||||
|
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
|||
1 |
अष्ट कर्म बंध संबंधी (म.बं./) |
||||||||||
1 |
जघन्य उत्कृष्ट बंध― |
|
|
|
|
|
|||||
2 |
जघन्य उत्कृष्ट बंध के स्वामित्व में― |
|
|
|
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
3 |
भुजगारादि पदों के स्वामियों में― |
|
|
|
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
4 |
वृद्धि हानि रूप पदों के स्वामियों में― |
|
|
|
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
2 |
मोहनीय कर्म सत्त्व संबंधी ( कषायपाहुड़ ) |
||||||||||
1 |
जघन्य उत्कृष्ट सत्त्व स्थानों के स्वामियों की अपेक्षा― |
|
|
|
|
||||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
2 |
कर्म सत्त्वासत्त्व की अपेक्षा― |
|
|
|
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
3 |
28,24,23 आदि सत्त्व स्थानों की अपेक्षा― |
|
|
|
|
||||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
4 |
भुजगारादि पदों के स्वामियों की अपेक्षा― |
|
|
|
|
||||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
5 |
वृद्धि हानि रूप पदों के स्वामियों की अपेक्षा― |
|
|
|
|
||||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|||
6 |
कषायों के सत्त्वासत्त्व की अपेक्षा― |
|
|
|
|
|
|||||
|
|
|
|
|
|
|
|
|
- अन्य संबंधित विषय
- जीवों का संख्या विषयक भागाभाग–देखें संख्या - 3.4-9।
- जघन्य-उत्कृष्ट योग स्थानों स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.( धवला 10/95/1 )।
- प्रथमादि योग वर्गणाओं में जीव प्रदेशों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.( धवला 10/448/11 )
- जघन्य-उत्कृष्ट अवगाहना स्थानों में स्थित जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.( धवला 11/27/19 )।
- जघन्य उत्कृष्ट क्षेत्रों में स्थिति जीवों का ओघ व आदेश से भागाभाग।–दे.( धवला 32/16 )।
- 23 वर्गणाओं में परमाणुओं का भागाभाग–दे.( धवला 14/160-163 )।
- पाँच शरीरों के जघन्य, उत्कृष्ट व उभय स्थिति में जीवों के निषेकों का भागाभाग।–देखें [[ ]]( षट्खंडागम 14 सू.331-339/370)।
- आठों कर्मों की मूलोत्तर प्रकृतियों के प्रकृतिरूप भेदों की, समय प्रबद्धार्थता व क्षेत्र प्रयास की अपेक्षा प्रमाण का परस्पर भागाभाग।–दे.( षट्खंडागम 12/9 सू.1-21/501)।