वज्रमुख: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) पद्म-सरोवर का पूर्व द्वार-गंगा नदी का उद्गम स्थान । यह छ: योजन और एक कोश विस्तृत तथा आधा कोश गहरा है । इस द्वार पर चित्र-विचित्र मणियों से दैदीप्यमान एक तोरण भी विद्यमान है जो नौ योजन तथा एक योजन के आठ भागों में तीन भाग प्रमाण ऊँचा है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.132, 136-137 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1">(1) पद्म-सरोवर का पूर्व द्वार-गंगा नदी का उद्गम स्थान । यह छ: योजन और एक कोश विस्तृत तथा आधा कोश गहरा है । इस द्वार पर चित्र-विचित्र मणियों से दैदीप्यमान एक तोरण भी विद्यमान है जो नौ योजन तथा एक योजन के आठ भागों में तीन भाग प्रमाण ऊँचा है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.132, 136-137 </span></p> | ||
<p id="2">(2) लंका के कोट का एक अधिकारी । यह हनुमान द्वारा मारा गया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 12. 196, 52.23-24, 30.30 </span></p> | <p id="2">(2) लंका के कोट का एक अधिकारी । यह हनुमान द्वारा मारा गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#196|पद्मपुराण - 12.196]], 52.23-24, 30.30 </span></p> | ||
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Revision as of 22:35, 17 November 2023
(1) पद्म-सरोवर का पूर्व द्वार-गंगा नदी का उद्गम स्थान । यह छ: योजन और एक कोश विस्तृत तथा आधा कोश गहरा है । इस द्वार पर चित्र-विचित्र मणियों से दैदीप्यमान एक तोरण भी विद्यमान है जो नौ योजन तथा एक योजन के आठ भागों में तीन भाग प्रमाण ऊँचा है । हरिवंशपुराण 5.132, 136-137
(2) लंका के कोट का एक अधिकारी । यह हनुमान द्वारा मारा गया था । पद्मपुराण - 12.196, 52.23-24, 30.30