वेगवती: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र की एक नदी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव का जीव वज्रघोष हाथी इसी नदी की कीचड़ में फंसा था तथा कमठ के जीव कुक्कुट-सर्प के द्वारा डस लिए जाने से यहीं मरा था । <span class="GRef"> महापुराण 73.22-24, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 46.49 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र की एक नदी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव का जीव वज्रघोष हाथी इसी नदी की कीचड़ में फंसा था तथा कमठ के जीव कुक्कुट-सर्प के द्वारा डस लिए जाने से यहीं मरा था । <span class="GRef"> महापुराण 73.22-24, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 46.49 </span></p> | ||
<p id="2">(2) आदित्यपुर के राजा विद्याधर विद्यामंदर की रानी । यह श्रीमाला की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6.357-358 </span></p> | <p id="2">(2) आदित्यपुर के राजा विद्याधर विद्यामंदर की रानी । यह श्रीमाला की जननी थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#357|पद्मपुराण - 6.357-358]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) एक विद्याधरी । इसने चक्रवर्ती हरिषेण का अपहरण किया था । <span class="GRef"> महापुराण 8.353 </span></p> | <p id="3">(3) एक विद्याधरी । इसने चक्रवर्ती हरिषेण का अपहरण किया था । <span class="GRef"> महापुराण 8.353 </span></p> | ||
<p id="4">(4) अरिंजयपुर नगर के राजा विद्याधर वह्निवेग की रानी । यह अहिल्या की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 10 13.73</span> </p> | <p id="4">(4) अरिंजयपुर नगर के राजा विद्याधर वह्निवेग की रानी । यह अहिल्या की जननी थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 10 13.73</span> </p> |
Revision as of 22:35, 17 November 2023
(1) भरतक्षेत्र की एक नदी । पार्श्वनाथ के पूर्वभव का जीव वज्रघोष हाथी इसी नदी की कीचड़ में फंसा था तथा कमठ के जीव कुक्कुट-सर्प के द्वारा डस लिए जाने से यहीं मरा था । महापुराण 73.22-24, हरिवंशपुराण 46.49
(2) आदित्यपुर के राजा विद्याधर विद्यामंदर की रानी । यह श्रीमाला की जननी थी । पद्मपुराण - 6.357-358
(3) एक विद्याधरी । इसने चक्रवर्ती हरिषेण का अपहरण किया था । महापुराण 8.353
(4) अरिंजयपुर नगर के राजा विद्याधर वह्निवेग की रानी । यह अहिल्या की जननी थी । पद्मपुराण 10 13.73
(5) विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के स्वर्णाभ नगर के राजा विद्याधर मनोवेग ओर रानी अंगारवती की पुत्री । यह मानसंवेग की बहिन तथा वसुदेव की रानी थी । जरासंध के अधिकारियों ने वसुदेव को जब चमड़े की भाथड़ी में बंद कर पहाड़ की चोटी से नीचे गिराया था उस समय इसी ने वसुदेव को संभाला था तथा पर्वत के तट पर ले जाकर भाथड़ी से उसे बाहर निकाला था । हरिवंशपुराण 24. 69-74, 26.32-40