शशांकपाद: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र का एक राजा। शरीर से निस्पृह रहते हुए इसने भरत के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे। आयु के अंत में यह परमपद को प्राप्त हुआ। <span class="GRef"> पद्मपुराण 88.1-9 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र का एक राजा। शरीर से निस्पृह रहते हुए इसने भरत के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे। आयु के अंत में यह परमपद को प्राप्त हुआ। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_88#1|पद्मपुराण - 88.1-9]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:35, 17 November 2023
भरतक्षेत्र का एक राजा। शरीर से निस्पृह रहते हुए इसने भरत के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे। आयु के अंत में यह परमपद को प्राप्त हुआ। पद्मपुराण - 88.1-9