नलिनप्रभ: Difference between revisions
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<p class="HindiText">―(म.पु./५७/श्लोक नं.) पुष्करार्ध द्वीप के पूर्व विदेह में सुकच्छा देश का राजा था।२-३। सुपुत्र नामक पुत्र को राज्य दे दीक्षा धारण कर ली और ग्यारह अंगों का अध्ययन कर तीर्थंकर प्रकृति का बन्ध किया। समाधिमरण पूर्वक देह त्यागकर सोलहवें अच्युत स्वर्ग में अचयुतेन्द्र हुआ।१२-१४।</p> | |||
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Revision as of 17:16, 25 December 2013
―(म.पु./५७/श्लोक नं.) पुष्करार्ध द्वीप के पूर्व विदेह में सुकच्छा देश का राजा था।२-३। सुपुत्र नामक पुत्र को राज्य दे दीक्षा धारण कर ली और ग्यारह अंगों का अध्ययन कर तीर्थंकर प्रकृति का बन्ध किया। समाधिमरण पूर्वक देह त्यागकर सोलहवें अच्युत स्वर्ग में अचयुतेन्द्र हुआ।१२-१४।